महराजगंज: नीति आयोग के अनुसार पांच साल में महराजगंज जिले की गरीबी में 29.64 प्रतिशत की कमी आई है। गरीबी कम करने के प्रयास में जिला प्रदेश में पहले स्थान पर रहा है। प्रशासन ने इस उपलब्धि का श्रेय शासन की नीतियों, जनप्रतिनिधियों, जिला प्रशासन के प्रयासों को दिया है।
नीति आयोग द्वारा जारी बहुआयामी गरीबी सूचकांक रिपोर्ट 2023 मे जनपद गरीबी कम करने की दिशा में प्रदेश में प्रथम रहा।
शासन की नीतियो व सबके समन्वित प्रयासों के परिणामस्वरूप #NFHS_05 के अनुसार जनपद में 05 वर्षों में लगभग बहुआयामी गरीबी में 30% की कमी लाने मे सफलता प्राप्त हुई है। pic.twitter.com/we9F6j999w— DM Maharajganj (@DmMaharajganj) July 19, 2023
जिला प्रशासन से लेकर राजनेताओं और संभ्रांत लोगों ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर की है। नीति आयोग की ओर से सोमवार को गरीबी रेखा पर राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक की समीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2015-16 में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 में उत्तर प्रदेश की 37.68 प्रतिशत आबादी गरीबी से ग्रस्त थी।
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वर्ष 2019-21 में हुए एनएफएचएस-05 सर्वे के अनुसार अब प्रदेश में 22.93 प्रतिशत आबादी गरीब है। प्रदेश के तमाम जनपदों में महराजगंज में गरीबी सबसे ज्यादा कम हुई है। एनएफएचएस-04 सर्वे की तुलना में एनएफएचएस-05 में लगभग 30 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है।
इसको लेकर जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने कहा कि “जनपद में आबादी को गरीबी रेखा से बाहर निकालना एक बड़ी उपलब्धि है। इसके लिए केंद्र एवं प्रदेश सरकार की नीतियां व विभिन्न योजनाओं की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका है। पांच वर्षों में प्रधानमंत्री आवास योजना, किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, मनरेगा, आयुष्मान भारत योजना, टीकाकरण और शौचालय जैसी योजनाओं को धरातल पर उतारने में सफलता मिली है। इसका परिणाम हमें नीति आयोग के गरीबी सूचकांक में देखने को मिल रहा है।