उत्तर प्रदेश में प्रेम-प्रसंगों से जुड़े मामलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मऊ जनपद के मुंशीपुरा ओवरब्रिज पर उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक युवती ने प्रेमी के परिवार से मिली ठोकरों के बाद ओवरब्रिज से छलांग लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, युवती की जान स्थानीय लोगों की तत्परता की वजह से बच पाई, जिन्होंने उसे गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल पहुंचाया। फिलहाल युवती का इलाज जारी है।
“निकाह का वादा कर बुलाया, फिर घर से भगा दिया” – छलकी युवती की पीड़ा
घायल युवती ने भावुक होकर बताया कि वह पिछले 7 महीनों से एक युवक के साथ प्रेम-प्रसंग में थी। दोनों फोन पर बात करते थे और रिश्ते में बंधने का सपना देख रहे थे। एक दिन पहले वह प्रेमी के साथ वाराणसी भाग गई, जहां युवक के परिवार और युवती की मां से बातचीत के बाद निकाह की रजामंदी मिल गई।
लेकिन जैसे ही दोनों वापस मऊ लौटे, परिवार ने धोखा दे दिया।
प्रेमी को कहीं छुपा दिया गया और युवती को घर से निकाल दिया गया। निकाह से इनकार और बेइज्जती ने युवती को तोड़ दिया और उसने आत्मघाती कदम उठाया।
चिकित्सक बोले – सिर और पैर में गंभीर चोटें, स्थिति पर नजर रखी जा रही है
डॉ. प्रदीप यादव, जिला अस्पताल मऊ के आकस्मिक कक्ष प्रभारी ने बताया,
“युवती के सिर और पैरों में गंभीर चोट है। प्राथमिक उपचार किया जा रहा है। कुछ टेस्ट के बाद ही स्थिति की गंभीरता का पता चल सकेगा। फिलहाल उसे निगरानी में रखा गया है।”
प्रेम में पनपते दर्द के सवाल – कौन ज़िम्मेदार?
यह घटना सिर्फ एक प्रेम कहानी का अंत नहीं, बल्कि समाज और परिवार की जिम्मेदारी पर भी सवाल खड़े करती है। क्या युवाओं को प्रेम करने का अधिकार नहीं? क्या परिवार की रजामंदी सिर्फ दिखावा बनकर रह गई है?
जब प्यार को रिश्ते में बदलने की कोशिश की गई, तब झूठा भरोसा, धोखे और सामाजिक दबाव ने एक और मासूम जान को मौत की ओर धकेल दिया।
अब सवाल ये है – क्या इस प्रेम की छलांग का कोई जवाब मिलेगा? या फिर एक और कहानी गुमनामी में खो जाएगी