धरती पर असंख्य प्रजातियों के जीव-जंतु पाए जाते हैं, और प्रत्येक जीव की अपनी विशेषताएँ होती हैं। कुछ जानवरों की सुनने की क्षमता अत्यधिक तेज होती है, तो कुछ की दृष्टि बहुत तीव्र होती है। इस लेख में हम आपको दो ऐसे जानवरों के बारे में बताएंगे, जो रात के घने अंधेरे में भी देख सकते हैं—चमगादड़ और बिल्लियाँ।
चमगादड़ की अंधेरे में देख पाने की खासियत
बहुत से लोग यह मानते हैं कि चमगादड़ों की आँखें नहीं होती, लेकिन यह सही नहीं है। चमगादड़ों की आँखें तो होती हैं, लेकिन वे छोटी होती हैं और उनकी दृष्टि मनुष्यों की तुलना में कमज़ोर होती है। हालांकि, चमगादड़ रात के अंधेरे में अपनी आँखों पर निर्भर नहीं रहते। वे ‘इकोलोकेशन’ नामक प्रक्रिया का उपयोग करते हैं, जिसमें वे तेज़ आवाज़ों का उत्सर्जन करते हैं, जिन्हें अल्ट्रासोनिक कॉल कहा जाता है। इन आवाज़ों से वे अपने आसपास के वातावरण का पूरा आकलन कर लेते हैं, जिससे उन्हें रात के अंधेरे में भी वस्तुओं को पहचानने में मदद मिलती है।
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बिल्लियों की आँखों रात में क्यों चमकती हैं?
बिल्लियाँ भी रात के अंधेरे में देख सकती हैं, जैसे दिन में देख पाती हैं। बिल्लियों की आँखों में एक विशेष संरचना होती है, जिसे टेपटम ल्यूसिडम कहते हैं। यह संरचना रेटिना के माध्यम से प्रकाश को वापस परावर्तित करती है, जिससे बिल्लियों को रात में भी स्पष्ट रूप से सब कुछ दिखाई देता है। इस विशेष तंत्रिका संरचना की वजह से बिल्लियों की आँखें अंधेरे में चमकती हैं, जैसे कि कोई टॉर्च की रोशनी। टेपटम ल्यूसिडम की क्रिस्टल जैसी बनावट लाइट को रिफ्लेक्ट कर रेटिना में पुनः भेज देती है, जो उन्हें रात में दृश्यता प्रदान करती है।