Gorakhpur Railway Station Redevelopment:Gorakhpur Railway Station Redevelopment:

Gorakhpur Railway Station Redevelopment: आज हम जानेंगे उत्तर प्रदेश के एक ऐसे रेलवे स्टेशन के बारे में, जो न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि भारत का सबसे लंबा प्लेटफॉर्म है। गौरतलब है कि गोरखपुर रेलवे स्टेशन को विश्व स्तरीय बनाने के लिए पुनर्विकसित किया जा रहा है।

तो आइये जानते हैं गोरखपुर रेलवे स्‍टेशन का इतिहास। बता दें कि देश का सबसे लंबा प्लेटफॉर्म यूपी के गोरखपुर में है। गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर बने प्लेटफॉर्म देश के सबसे बड़े प्लेटफॉर्म में गिने जाते हैं। 2013 में इसे विश्व का सबसे लंबा प्लेटफॉर्म भी घोषित किया गया।

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यहां 498 करोड़ से बनने वाले नए भवन में स्थानीय सांस्कृतिक विरासत एवं वास्तुकला का संगम दिखेगा। 137 साल पुराने गोरखपुर रेलवे स्टेशन के नए भवन के निर्माण के लिए नोडल एजेंसी तय हो गई है। दिल्ली की यह कंपनी तीन चरणों में स्टेशन के कायाकल्प के लिए जुट गई है। पहले नया भवन बनाया जाएगा, जिसमें पुराने भवन के दफ्तरों को शिफ्ट किया जाएगा।

रेलवे के जानकारों के अनुसार 15 जनवरी, 1885 को सोनपुर से मनकापुर तक मीटर गेज रेल लाइन के निर्माण के साथ ही गोरखपुर रेलवे स्टेशन अस्तित्व में आया। वर्ष 1886 में गोरखपुर से उस्का बाजार लाइन के निर्माण के साथ ही यह जंक्शन स्टेशन बन गया। वर्ष 1981 में छपरा से मल्हौर तक का आमान परिवर्तन हुआ और गोरखपुर जंक्शन बड़ी लाइन के माध्यम से देश के अन्य महानगरों से जुड़ गया।

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वर्ष 2004 में यहां । यार्ड रिमॉडलिंग के साथ गोरखपुर जंक्शन स्टेशन का प्लेटफॉर्म विश्व का सबसे लंबा प्लेटफॉर्म बन गया। वर्तमान में इस स्टेशन पर कुल 10 प्लेटफॉर्म हैं। पुनर्विकास में एक प्लेटफार्म और बढ़ जाएगा। इस स्टेशन से प्रतिदिन 91 जोड़ी यात्री ट्रेनें चलाई जाती हैं।

पूर्वाेत्तर रेलवे अपनी आधारभूत संरचना को मजबूत कर रहा है। इसी क्रम में गोरखपुर जंक्शन स्टेशन को भी विश्व स्तरीय बनाने के लिए पुनर्विकसित किया जा रहा है। बीते साल 7 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टेशन के पुनर्विकास कार्य का शिलान्यास किया था। स्टेशन का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) भी तैयार है।

इस स्टेशन के पुनर्विकास पर 498 करोड़ रुपये खर्च होंगे। गोरखपुर जंक्शन स्टेशन का पुनर्विकास आगामी 50 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर किया जाएगा। वर्तमान में करीब 93 हजार यात्री रोजाना इस स्टेशन से आते-जाते हैं जिसके अगले 50 साल बाद बढ़कर 1,68,000 हो जाने की संभावना है।

गोरखपुर जंक्शन स्टेशन के पुनर्विकास मॉडल में स्थानीय सांस्कृतिक विरासत एवं वास्तुकला को समाहित किया गया है। नए स्टेशन भवन को सिटी सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। वर्तमान में मुख्य स्टेशन भवन का निर्माण 5,855 वर्ग मीटर एवं द्वितीय प्रवेश द्वार का निर्माण 720 वर्ग मीटर में किया गया है। प्रस्तावित स्टेशन का निर्माण 17,900 वर्ग मीटर एवं द्वितीय प्रवेश द्वार का निर्माण 7,400 वर्ग मीटर में किया जाएगा। 10,800 वर्ग मीटर में रूफ प्लाजा बनेगा, जहां फूड आउटलेट, वेटिंग हॉल, एटीएम एवं किड्स प्ले एरिया का प्रावधान किया जाएगा।

रूफ प्लाजा से प्लेटफॉर्मों तथा प्रवेश एवं निकास द्वार को 38 लिफ्ट, 22 एस्कलेटर एवं दो ट्रैवेलेटर के माध्यम से जोड़ा जाएगा। 300 वर्ग मीटर में टिकट खिड़कियां बनाई जाएंगी। स्टेशन परिसर में कंजेशन फ्री प्रवेश एवं निकास का प्रावधान किया जाएगा। दो मल्टी परपज वाणिज्यिक टॉवर बनाए जाएंगे, जिसमें मल्टी लेवल कार पार्किंग, बजट होटल, कामर्शियल शॉप इत्यादि का प्रावधान होगा।

प्रस्तावित मेट्रो स्टेशन एवं बस स्टेशन से स्काई वॉक-वे से लिंक किया जाएगा। कार, टू व्हीलर्स, थ्री व्हीलर्स की पार्किंग क्षमता 427 ईसीएस है, जबकि प्रस्तावित पार्किंग क्षमता 838 ईसीएस है। दोनों प्रवेश द्वार के सर्कुलेटिंग क्षेत्र में हरित पट्टी (ग्रीन बेल्ट) विकसित की जायेगी।

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