मऊ जिले में शुक्रवार को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के साप्ताहिक कार्ययोजना के अंतर्गत सेमीनार का आयोजन साई कालेज ऑफ फार्मेसी पर किया गया | इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं जिला नोडल अधिकारी डॉ बी के यादव द्वारा की गयी । कार्यक्रम में जिला तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ के वीरेंद्र कुमार परामर्शदाता, लक्ष्मीकांत दुबे सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के जिला परामर्शदाता डॉ अश्वनी कुमार सिंह ने कहा कि तम्बाकू, बीड़ी और सिगरेट के सेवन से टीबी, कैंसर सहित तमाम बीमारियाँ शरीर को जकड़ लेती हैं| इनके सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बेहद कमजोर पड़ जाती है| जिससे व्यक्ति कर्इ तरह के रोगों से पीड़ित हो जाता है और इन बीमारियों से उसकी जान भी चली जाती है| तम्बाकू से उत्पन्न इसी समस्या को देखते हुए लोगों को इसके सेवन से बचाने के लिए हर साल 31 मई को तम्बाकू निषेध दिवस रूप में मनाया जाता है|इस वर्ष विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीमॅ “अपील का पर्दाफाश करना: तंबाकू और निकोटीन उत्पादों पर उद्योग की रणनीति को उजागर करना” है।
राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ बी के यादव ने बताया कि 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाने का मुख्य उद्देश लोगों को तंबाकू से दूर रहने के लिए याद दिलाने और जो लोग इस कि लत में है। उन्हें इसके सेवन से होने वाले गंभीर बीमारियों के प्रति जागरूक कर इलाज के लिए प्रेरित करना। उन्होंने कहा कि तम्बाकू पदार्थों का सेवन स्वास्थ्य लिए बेहद हानिकारक होता है। बच्चों को खास तौर पर तंबाकू उत्पादों से दूर रहना चाहिए । पूरे विश्व में कैंसर से होने वाली मृत्यु में फेफड़े के कैंसर के मरीजों की संख्या सबसे अधिक है। इसका मुख्य कारण अत्यधिक धूम्रपान सेवन करना ही होता है। जिसमें बीड़ी, सिगरेट,खैनी,पान मसाला,पुड़िया,जर्दा,पीला पत्ती आदि के सेवन से मुंह का कैंसर की संभावना बनी रहती है।
आरसी यूपीवीएचए दिलीप कुमार पांडेय ने बताया कि विश्व में तंबाकू के सेवन से लाखों लोगों की मौत हो रही है। विश्व में तंबाकू (बीड़ी, सिगरेट, गुटखा आदि) के सेवन से मृत्यु को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 1987 में दुनियाभर में विश्व तंबाकू निषेद दिवस मनाने की घोषणा की थी। हालांकि पहली बार यह दिन 7 अप्रैल को मनाया गया था। लेकिन उसके बाद 31 मई 1988 को इसका प्रस्ताव पास हुआ उसके बाद 31 मई को हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाना लगा। विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2025 की इस वर्ष की थीम “अपील का पर्दाफाश करना: तंबाकू और निकोटीन उत्पादों पर उद्योग की रणनीति को उजागर करना” है के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। साथ ही साथ वताया गया कि समस्त जनपद में तम्बाकू नियंत्रण कानून कोटपा-2003 के समस्त धाराओं के प्रभावी क्रियान्वयन करना जिसकी विभिन्न धाराओं पर चर्चा की , धारा 4 – सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान निषेध है 200 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। धारा 5 – तंबाकू उत्पादों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष विज्ञापन पर प्रतिबंध । धारा 6(क) – 18 वर्ष से कम आयु के नाबालिगों को तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध।
धारा 6(ख) – शिक्षा संस्थान के 100 यार्ड के भीतर तंबाकू उत्पादों की बिक्री दंडनीय है। उक्त कें उलंघन की दशा में विधिक कार्यवाही का विधान है ।
साई कालेज ऑफ फार्मेसी के प्रबंधक श्री अखिलेश जी ने बताया कि तंबाकू,सिगरेट या अन्य कोई भी इस तरह का पदार्थ का सेवन टीबी व कैंसर जैसी बीमारी को न्योता देने जैसा है । लंबे समय तक धूम्रपान करने से मुंह व फेफड़े एवं सांस की नली में कैंसर होने की संभावना काफी ज्यादा होती है।
वीरेंद्र कुमार परामर्शदाता तंबाकू नियंत्रण ने तम्बाकू से दूर रहने के उपाय पर चर्चा में वताया कि – व्यक्ति को इस जद से निकलने के लिए चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए। चिकित्सक की निगरानी में उपचार करायें। इलाज के दौरान व्यक्ति कि सबसे ज्यादा मजबूत इच्छाशक्ति की जरूरत होती है। मजबूत इच्छाशक्ति के साथ ही चिकित्सकीय इलाज, परिवार के अलावा आसपास के लोगों के सहयोग से तंबाकू सेवन की लत से बाहर निकला जा सकता है। इस कार्यक्रम में विद्यालय के समस्त शिक्षक एवं प्रधानाचार्य सहित जिला तंबकू नियंत्रण प्रकोष्ठ से सतीश गुप्ता सहित फार्मेसी के छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे।