यूपी जनपद मऊ के प्रतिष्ठित अधिवक्ता एवं डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन मऊ के पूर्व मंत्री वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेन्द्र नाथ सिंह की सुपुत्री कविता किरन ने यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) की परीक्षा में 586वीं रैंक हासिल कर मऊ जनपद समेत अपने परिवार का नाम गौरवान्वित किया है।

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सबसे खास बात यह रही कि कविता ने इस बार यूपीएससी की तैयारी बेहद गुप्त रूप से की। फार्म भरा, परीक्षा दी, लेकिन परिवार को इसकी भनक तक नहीं लगने दी। मंगलवार को जब परिणाम आया, और अपनी सफलता की खबर देखी, तो उन्होंने सबसे पहले अपने माता-पिता को फोन कर यह खुशखबरी दी—”मैंने UPSC पास कर लिया है!” इस अप्रत्याशित सरप्राइज़ से घर का माहौल खुशी से झूम उठा।

कविता किरन की शिक्षा का सफर भी बेहद प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने हाईस्कूल की पढ़ाई मऊ के एक प्राइवेट स्कूल से, इंटरमीडिएट दिल्ली के डीपीएस बसंत कुंज से, स्नातक मिरांडा हाउस, दिल्ली विश्वविद्यालय से, और स्नातकोत्तर दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स साइंस से पूरी की। उनका चयन टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुंबई में हुआ था, लेकिन उन्होंने जेएनयू में रिसर्च के लिए JRF और NET पास किया और वर्तमान में रिसर्च कर रही थीं।

माता सरोज देवी एक गृहिणी हैं। बड़ी बहन किसलय किरन, एमबीए कर चुकी हैं और सीनियर बैंक मैनेजर उपेंद्र कुमार से विवाह हुआ है। छोटा भाई प्रशांत किरन, दिल्ली विश्वविद्यालय से लॉ कर सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता हैं।

कविता ने 2022 में भी यूपीएससी में साक्षात्कार तक पहुंच बनाई थी, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। उन्होंने हार नहीं मानी और इस बार न सिर्फ परीक्षा पास की, बल्कि पूरे परिवार को चौंकाते हुए सफलता का सरप्राइज़ तोहफा दिया।

कविता अपने माता-पिता को ही अपना आदर्श मानती हैं। उनका संदेश है—
“लक्ष्य बिल्कुल स्पष्ट रखें, इरादा मजबूत हो और सकारात्मक सोच रखने वालों के बीच रहें। हार मानना विकल्प नहीं है।”

उनकी सफलता पर परिजनों, मित्रों, रिश्तेदारों व जिलेवासियों ने हर्ष व्यक्त करते हुए ढेरों बधाइयाँ दी हैं। मऊ जनपद की यह बेटी आज हर युवा के लिए प्रेरणा बन गई है।

By UP Khabariya

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