महराजगंज/उत्तर प्रदेश: घुघली क्षेत्र के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के गांव विशुनपुर गबडुआ गांव में 66 लाख की लागत से बनी सड़क के गायब होने का मामला चर्चा में है। अभिलेखों में सड़क निर्माण पूरा दिखाया गया, लेकिन ग्रामीणों का दावा है कि सड़क बनी ही नहीं।

लोकार्पण शिलापट लगने से घोटाले का खुलासा हुआ। मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम बनाई गई, लेकिन रिपोर्ट अब तक नहीं आई। डीएम ने सीडीओ से रिपोर्ट तलब की है, जबकि लोक निर्माण विभाग के अधिकारी सड़क ढूंढने में जुटे हैं।
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66 लाख की सड़क का अभिलेखों में निर्माण पूरा
लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड के अनुसार, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के गांव विशुनपुर गबडुआ गांव के दलित बस्ती संपर्क मार्ग के निर्माण को 23 फरवरी 2023 को पं. दीनदयाल योजना के तहत स्वीकृति मिली थी। अभिलेखों में 22 सितंबर 2023 तक 66.64 लाख रुपये की लागत से सड़क निर्माण पूरा बताया गया, लेकिन ग्रामीणों का दावा है कि सड़क अभी तक बनी ही नहीं है।
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बिना सड़क बने हुआ लोकार्पण
घोटाले की नीयत से बिना सड़क बनाए लोकार्पण बोर्ड लगा दिया गया, जिससे मामला उजागर हुआ। महराजगंज पीडब्ल्यूडी के अभियंताओं से पूछा जा रहा है कि सड़क कहां बनी है। मीडिया में खबर आने के बाद सीडीओ ने जांच के आदेश दिए। एक्सईएन प्रांतीय खंड धर्मपाल सिंह के अनुसार, इंडो-नेपाल बॉर्डर सड़क के एक्सईएन की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय जांच टीम बनाई गई।
क्या बोले ग्रामीण
गबड़ुआ के रहने वाले शमशाद ने बताया कि 66.64 लाख का शिलापट्ट लगाने के लिए कुछ लोग आए। लम्बाई 970 मीटर है। तो हम लोगों ने कहा, जब रोड बना ही नहीं है तो शिलापट्ट लगने नहीं देंगे। इसको लेकर हम लोग डीएम महराजगंज को ज्ञापन दिए। सीडीओ महराजगंज को ज्ञापन दिए।
लोकार्पण बोर्ड लगाकर हटाने से बढ़े सवाल
वहीं नगर पालिका के विस्तारित क्षेत्र में धनेवा-धनेई से पनेवा-पनेई गांव तक 1.40 किमी सड़क के निर्माण पर 1.43 करोड़ रुपये खर्च दिखाया गया। लोक निर्माण विभाग ने एक सप्ताह पूर्व लोकार्पण बोर्ड लगाया, लेकिन सवाल उठते ही कर्मियों ने बोर्ड तोड़कर हटा दिया। अब विभागीय अधिकारी सड़क के निर्माण या मरम्मत पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं, जिससे संदेह और गहरा गया है।
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चर्चाओं का बाजार गर्म
पूरे जिले में अधिकारियों के यह कारनामें आज खूब चर्चा में है। सोशल मीडिया पर यह मामला खूब उछाला जा रहा है। वहीं कई तरह के कयास भी लगाए जा रहे हैं। अभी अंदरखाने क्या चल रहा है। और इसपर पूरी जांच के बाद क्या कार्रवाई होती है। देखने वाली बात होगी। फिलहाल महराजगंज में अब यह भी चर्चा है कि अगर लोकार्पण कार्यों का पूरे जिले भर में जांच कराई जाए तो कई चौंकाने वाले मामले सामने आ सकते हैं। यह मामला जिले में ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है।
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