प्रयागराज: (इलाहाबाद) में परीक्षा की डेट को लेकर बीते सोमवार से छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान प्रशासन द्वारा पूरी रात उन्हें मनाने की कोशीश जारी रही, लेकिन बेनतीजा रहा। आखिर ये छात्र किन मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। आपको आसान भाषा में बताते हैं।
प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि, सीएम योगी जी नारा देते हैं तो “बटेंगे तो कटेंगे” तो वही हमारी प्रमुख मांग है कि दो शिफ्ट में एक्जाम करेंगे तो हमारा नुकसान होगा। प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि, वन डे वन शिफ्ट की उनकी मांग है। पेपर बंटेंगे तो उनके नंबर कटेंगे।
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छात्रों का कहना है कि, हम जब तक नहीं हटेंगे, जब तक आयोग हमको नोटिस नहीं देता। वन नेशन वन इलेक्शन की बात कर सकते हैं तो एक शिफ्ट में एक्जाम आयोजित क्यों नहीं करवा सकते, हम न बंटेंगे, न कटेंगे और न ही हटेंगे।
दरअसल, यूपी पीसीएस की परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को होनी है। वहीं RO, ARO की परीक्षा 22 और 23 को दिसंबर को है। बता दें कि नॉर्मलाइजेशन को एक से ज़्यादा शिफ्ट में परीक्षा कराने को लेकर छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके साथ ही PCS का एग्जाम पहले मार्च में होना था, लेकिन टाल दिया गया। RO, ARO का एग्जाम फरवरी में हुआ, लेकिन पेपर लीक से टल गया। अब दोनों परीक्षाएं दिसंबर में दो दिन और अलग-अलग पालियों में होंगी। जिसको लेकर छात्र उग्र हैं।
छात्रों को दिक्कत क्या है:
- एक शिफ्ट में एक परीक्षा होगी तो एक पेपर आएगा।
- दो शिफ्ट में परीक्षा होगी तो दो अलग-अलग पेपर आएंगे।
- कोई एक पेपर आसान या फिर मुश्किल हो सकता है।
- ऐसे में परीक्षा में छात्रों की रैकिंग पर असर पड़ सकता है।
- दो एग्जाम के नॉर्मलाइजेशन फॉर्म्युले से भी छात्र खुश नहीं।
- आयोग एक शिफ्ट में एक पेपर क्यों नहीं करवा सकता?
सरकार का तर्क:
वहीं इस मामले में सरकार का कहना है कि पेपर लीक और अव्यवस्था रोकने के लिए यह व्यवस्था की गई है। यूपी के 75 नहीं, 41 जिलों में परीक्षा करवाई जाएगी। सिर्फ सरकारी संस्थानों को ही एग्जाम सेंटर बनाएंगे। सेंटर जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर के दायरे में होंगे।