लखनऊ: उत्तर प्रदेश की 57,702 ग्राम पंचायतों में एक-एक सूर्य सखी की तैनाती की जाएगी, जो सौर ऊर्जा से जुड़े उद्यमों को बढ़ावा देंगी। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 18 सोलर प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरिंग यूनिट और 3304 सोलर दुकानें स्थापित की जाएंगी।
महिलाओं को सोलर आटा चक्की, वाटर पम्प, ड्रायर, कोल्ड स्टोरेज आदि से जोड़ने की पहल होगी। अगले तीन वर्षों में प्रेरणा ओजस के जरिए एक लाख महिलाओं को रोजगार देने का लक्ष्य है।
हर ग्राम पंचायत में होगी सूर्य सखी की तैनाती
प्रदेश की 57,702 ग्राम पंचायतों में एक-एक सूर्य सखी की तैनाती की जाएगी। ये महिलाएं सौर ऊर्जा आधारित उद्यमों को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएंगी।
सोलर प्रोडक्ट यूनिट और दुकानें होंगी स्थापित
हर मंडल में 18 सोलर प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित की जाएंगी, जबकि 826 ब्लॉकों में 3,304 सोलर दुकानें खोली जाएंगी। यह पहल राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के सहयोग से की जा रही है।
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महिलाओं को मिलेगा सोलर उपकरणों से जोड़ने का अवसर
मिशन की निदेशक दीपा रंजन के अनुसार, महिलाओं को सोलर आटा चक्की, सोलर वाटर पंप, सोलर ड्रायर और सोलर कोल्ड स्टोरेज जैसे उपकरणों से जोड़ा जाएगा। पहले चरण में 10,000 उद्यमों को डीआरई उत्पादों से जोड़ने की योजना है।
प्रेरणा ओजस कंपनी देगी सहयोग
यूपीएसआरएलएम के तहत प्रेरणा ओजस नामक कंपनी का गठन किया गया है, जो सौर ऊर्जा क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं को सहयोग देगी।
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स्वरोजगार के अवसर होंगे बढ़े
यूपीनेडा के निदेशक अनुपम शुक्ला ने बताया कि डीआरई उत्पादों के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे। अगले तीन वर्षों में प्रेरणा ओजस के जरिये एक लाख महिलाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है।
सूर्य सखी क्या है? (Surya Sakhi Kya Hai?)
सूर्य सखी, सोलर पैनल की मरम्मत करने वाली महिलाओं को दिया जाने वाला नाम है। यह उत्तर प्रदेश सरकार की एक योजना है, जिसके तहत हर ग्राम पंचायत में एक सूर्य सखी की नियुक्ति की जाती है। इन महिलाओं को यूपीनेडा द्वारा विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि वे सौर ऊर्जा से जुड़े उपकरणों की मरम्मत और देखभाल कर सकें।
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