लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए एक ऐतिहासिक और स्वागत योग्य फैसला लिया है। इस नए नियम के तहत न केवल भर्ती प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाया जाएगा, बल्कि कर्मचारियों के वेतन को उनकी योग्यता और बुनियादी जरूरतों के आधार पर निर्धारित किया गया है। इस कदम से लाखों कर्मचारियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है।
चार श्रेणियों में बंटे कर्मचारी, तय हुआ न्यूनतम वेतन
योगी सरकार ने आउटसोर्स कर्मचारियों को चार अलग-अलग श्रेणियों में वर्गीकृत किया है, जिनके लिए न्यूनतम वेतन 20 हजार, 22 हजार, 25 हजार और 40 हजार रुपये निर्धारित किया गया है। यह सुनिश्चित करेगा कि हर कर्मचारी को उसकी जिम्मेदारी और योग्यता के अनुरूप उचित वेतन मिले।
पहली श्रेणी: डॉक्टर और इंजीनियर को 40 हजार रुपये
पहली श्रेणी में डॉक्टर, इंजीनियर (एई और एसडीओ), लेक्चरर, प्रोजेक्ट ऑफिसर, अकाउंट ऑफिसर, असिस्टेंट आर्किटेक्ट और रिसर्च ऑफिसर जैसे आठ अहम पद शामिल हैं। इन सभी को न्यूनतम 40 हजार रुपये मासिक वेतन मिलेगा। इन पदों के लिए खास शैक्षिक योग्यताएं भी निर्धारित की गई हैं:
1.डॉक्टर: एमबीबीएस डिग्री
2.इंजीनियर: बीटेक डिग्री
3.लेक्चरर: पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री
4.प्रोजेक्ट ऑफिसर: गणित या भौतिकी में पोस्ट ग्रेजुएशन
5.अकाउंट ऑफिसर: एमकॉम के साथ 5 साल का अनुभव या चार्टर्ड अकाउंटेंट की डिग्री
6.असिस्टेंट आर्किटेक्ट: आर्किटेक्चर में ग्रेजुएशन
7.रिसर्च ऑफिसर: अर्थशास्त्र, वाणिज्य, गणित या सांख्यिकी में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री
दूसरी श्रेणी: 25 हजार रुपये का न्यूनतम वेतन
दूसरी श्रेणी में सीनियर असिस्टेंट, सीनियर स्टेनोग्राफर, सीनियर अकाउंटेंट, डाटा प्रोसेसिंग ऑफिसर, ट्रांसलेटर, कल्याण अधिकारी, ड्राइंग टीचर, पीटीआई टीचर, टीजीटी, ड्राफ्ट्समैन, एक्स-रे टेक्नीशियन, स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट, जेई, लीगल असिस्टेंट और सांख्यिकी अधिकारी जैसे पद शामिल हैं। इन सभी को न्यूनतम 25 हजार रुपये मासिक वेतन मिलेगा।
तीसरी श्रेणी: 22 हजार रुपये की सैलरी
तीसरी श्रेणी में 17 पद शामिल किए गए हैं, जिनमें जूनियर असिस्टेंट, जूनियर स्टेनोग्राफर, टाइपिस्ट, टेलीफोन ऑपरेटर, स्टोर कीपर, फोटोग्राफर, डाटा एंट्री ऑपरेटर, लाइब्रेरियन, डाटा प्रोसेसिंग असिस्टेंट, इलेक्ट्रीशियन, मैकेनिक, फिटर, लैब असिस्टेंट, पैरामेडिकल स्टाफ, सुपरवाइजर, मैनेजर और ड्राइवर शामिल हैं। इन सभी को न्यूनतम 22 हजार रुपये मासिक वेतन मिलेगा।
चौथी श्रेणी: 97 पदों के लिए 20 हजार रुपये
सबसे बड़ी चौथी श्रेणी में 97 पद शामिल हैं, जिनमें ऑफिस सर्वाडिनेट, लिफ्ट ऑपरेटर, लैब अटेंडेंट, रिकॉर्ड असिस्टेंट, अर्दली, अनुसेवक, स्टोर सहायक, नाई, मोची, राजमिस्त्री, मेट, निर्माण सहायक, लोहार, लोहार सहायक, बढ़ई, बढ़ई का सहायक, क्रेन ऑपरेटर, हेल्पर, पेंटर, लेबर, रोड मेट, वेल्डर हेल्पर, डाक रनर, चौकीदार, माली, चपरासी, वार्ड अटेंडेंट, लेबर रूम अटेंडेंट, कुक, किचन बेयरर, मेस हेल्पर, पैंट्रीमैन, किचन अटेंडेंट, इलेक्ट्रीशियन, हेल्पर लाइनमैन, हेल्पर प्लंबर, हेल्पर वेल्डर, स्वीपर, फिटर, दफ्तरी, पंप ऑपरेटर, फायरमैन, गेटकीपर और लाइब्रेरी अटेंडेंट जैसे पद शामिल हैं। इनके लिए न्यूनतम 20 हजार रुपये मासिक वेतन तय किया गया है। इस श्रेणी के लिए 8वीं या 10वीं पास होना अनिवार्य है।
पारदर्शी भर्ती और कर्मचारी कल्याण पर जोर
योगी सरकार का यह फैसला न केवल आउटसोर्स कर्मचारियों को आर्थिक रूप से सशक्त करेगा, बल्कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाकर भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगाएगा। न्यूनतम वेतन तय होने से कर्मचारियों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिलेगा, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।