अगर आपका पैसा भी सहारा की स्कीम्स में फंसा हुआ है और आप लंबे समय से रिफंड का इंतजार कर रहे हैं, तो आपके लिए अच्छी खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा रिफंड मामले में बड़ा आदेश जारी करते हुए सेबी-सहारा फंड से अतिरिक्त ₹5000 करोड़ की राशि जारी करने की इजाजत दे दी है।

इसका सीधा फायदा उन लाखों निवेशकों को मिलेगा, जिनका पैसा अभी तक लटका हुआ था।

WhatsApp Group Join Now

क्या है सुप्रीम कोर्ट का आदेश? सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने केंद्र सरकार की अर्जी स्वीकार करते हुए यह फैसला दिया। इसके तहत: सेबी-सहारा एस्क्रो अकाउंट से ₹5000 करोड़ की रकम जारी की जाएगी। यह रकम सहारा ग्रुप की चार सहकारी समितियों में पैसा लगाने वाले वास्तविक निवेशकों को दी जाएगी। राशि का वितरण केंद्रीय सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार की निगरानी में होगा, जो पात्र निवेशकों की जांच के बाद पेमेंट करेंगे।

रिफंड की लास्ट डेट भी बढ़ी कोर्ट ने डिस्ट्रीब्यूशन की अंतिम तारीख को भी बढ़ा दिया है। अब निवेशक 31 दिसंबर 2026 तक अपना पैसा क्लेम कर सकते हैं। पहले यह डेडलाइन दिसंबर 2025 तक थी।

कौन-कौन सी समितियों के निवेशकों को मिलेगा पैसा? यह रकम इन चार सहकारी समितियों के निवेशकों को दी जाएगी: हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड

अब तक कितना हुआ रिफंड? केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार: करीब 5.43 करोड़ निवेशकों ने ₹1.13 लाख करोड़ से ज्यादा का दावा किया है। अब तक 2.62 लाख से ज्यादा जमाकर्ताओं को कुल ₹5,053 करोड़ की राशि वापस मिल चुकी है। 13 लाख से ज्यादा दावों की जांच अभी चल रही है।

पेमेंट पर नजर रखेगा पूर्व जज सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि यह पूरा वितरण कार्य पूर्व न्यायाधीश आर. सुभाष रेड्डी की निगरानी में किया जाए। संबंधित रजिस्ट्रार को एक सप्ताह के भीतर यह रकम ट्रांसफर करनी होगी।

अगर नहीं मिला पैसा तो क्या करें? यदि आपने रिफंड के लिए आवेदन किया था और अब तक भुगतान नहीं हुआ है: आप CRCS Sahara Refund पोर्टल पर जाकर अपना आवेदन फिर से सबमिट कर सकते हैं। आवेदन के समय सही दस्तावेज और बैंक डिटेल देना जरूरी है।

By UP Khabariya

UP Khabriya is an interactive platform where you can raise your issues through our channel. Available across digital platforms and with a monthly magazine, it covers a wide range of topics including governance, education, and public welfare in your language.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *