ज्ञापन सौपते

Mau: मऊ कलेक्ट्रेट परिसर में आज अखिल भारतीय बुनकर फेडरेशन की जिला इकाई के बैनर तले सैकड़ों बुनकरों ने धरना-प्रदर्शन कर अपनी दयनीय स्थिति और करघा उद्योग की बदहाली की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया। बुनकरों ने बिजली के क्षेत्र में निजीकरण की तैयारियों, बिजली बिलों में अनाप-शनाप वृद्धि, जबरन स्मार्ट मीटर लगाने, और पुराने जर्जर तारों के कारण बढ़ते हादसों की आशंका जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया।

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प्रदर्शनकारियों ने बताया कि बुनकरों को प्रति लूम बिजली का फिक्स्ड चार्ज 72 रुपये से बढ़ाकर 430 रुपये कर दिया गया है, जो 600% की असहनीय वृद्धि है। इसके अलावा, बिजली चेकिंग के नाम पर उत्पीड़न और भारी बकाया बिलों ने बुनकरों को लूट का शिकार बना दिया है। जर्जर तारों और ट्रांसफार्मरों की खराब स्थिति के कारण हादसों का डर बना हुआ है, और बिजली प्रशासन की स्वेच्छाचारिता के चलते उनकी सुनवाई कहीं नहीं हो रही।

बुनकरों ने मांग की कि बिजली का निजीकरण रोका जाए, 300 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाए, प्रति लूम फिक्स्ड चार्ज को फिर से 72 रुपये किया जाए, पुराने बकाया बिल माफ किए जाएं, और जर्जर तारों को तत्काल बदला जाए। इसके साथ ही, बुनकरों के लिए सामाजिक सुरक्षा और कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने की मांग भी की गई।

जिला अध्यक्ष का. अनीस अहमद अंसारी और जिला मंत्री का. जमील अहमद ने कहा कि बुनकरों का बड़े पैमाने पर पलायन हो रहा है, और यदि सरकार ने तत्काल कार्रवाई नहीं की तो करघा उद्योग पूरी तरह बर्बाद हो सकता है। बुनकरों ने मुख्यमंत्री से इस मामले में त्वरित और सहानुभूतिपूर्ण हस्तक्षेप की मांग की है।

By UP Khabariya

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