Mau: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने आज मऊ कलेक्ट्रेट परिसर में एक प्रतिरोध सभा आयोजित कर आवास विकास परिषद, उत्तर प्रदेश द्वारा ग्राम शहरोज में किए जा रहे भूमि अधिग्रहण के खिलाफ कड़ा विरोध जताया। भाकपा नेताओं ने आरोप लगाया कि अधिग्रहण प्रक्रिया में स्थानीय वास्तविकताओं और सार्वजनिक हितों की अनदेखी की गई है, विशेष रूप से दिगंबर अखाड़ा बस्ती के गरीब और अति पिछड़ी जातियों के लोगों को न तो पूर्व सूचना दी गई और न ही उन्हें अपना पक्ष रखने का अवसर प्रदान किया गया।
सभा की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ भाकपा नेता रामसोच यादव ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन में मांग की कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया की गहन पुनर्समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि दिगंबर अखाड़ा बस्ती में 40-50 वर्षों से रह रही आबादी के वैधानिक अधिकारों को नजरअंदाज किया गया है। इसके अलावा, जिन जमींदारों ने उक्त भूमि पर अपना कानूनी मालिकाना हक खो दिया है, उन्हें गैरकानूनी रूप से भारी मुआवजा देने की साजिश रची जा रही है। भाकपा ने इस मामले में उच्चस्तरीय जांच और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

प्रदर्शनकारियों ने यह भी मांग की कि ग्राम शहरोज के पास उपलब्ध विशाल खाली भूमि का उपयोग कर बस्ती को विस्थापित होने से बचाया जाए। भाकपा नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
मुख्य मांगें:
1 दिगंबर अखाड़ा बस्ती के लोगों के मानवाधिकारों और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा।
2 गैरकानूनी मुआवजा भुगतान की साजिश की उच्चस्तरीय जांच।
3 उपलब्ध खाली भूमि का उपयोग कर बस्ती को उजड़ने से बचाना।