यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भारत पर अमेरिका की ओर से टैरिफ लगाए जाने के फैसले को सही करार दिया है। उनका कहना है कि अमेरिका ने रूस को ताकत पहुंचाने वाले देश पर यदि सख्ती की है तो उसमें गलत क्या है।
एबीसी न्यूज को दिए इंटरव्यू में जेलेंस्की ने चीन, रूस और भारत के नेताओं के एक मंच पर आने पर भी बात की। उनसे पूछा गया कि क्या अमेरिकी टैरिफ का फैसला बैकफायर कर गया है क्योंकि मोदी, पुतिन और शी जिनपिंग एक मंच पर नजर आए हैं और जुगलबंदी दिखी है। इस पर जेलेंस्की ने कहा कि मैं मानता हूं कि भारत पर टैरिफ लगाने का अमेरिका का फैसला सही है। रूस के साथ कारोबार करने वालों पर पाबंदियां लगाना जरूरी है।
उनसे एक और सवाल पूछा गया कि आपकी मांग है कि रूस पर ज्यादा से ज्यादा पाबंदियां लगें और यूक्रेन को मदद मिले। इस पर जेलेंस्की ने कहा कि मैं डोनाल्ड ट्रंप सरकार की ओऱ से उठाए कदमों से खुश हूं। रूस के साथ किसी भी तरह की डील करना सही नहीं है। उस पर पाबंदियों का मैं समर्थन करता हूं। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप जानते हैं कि कैसे व्लादिमीर पुतिन को रोका जा सकता है। व्लादिमीर पुतिन का हथियार यह है कि वह दुनिया के कई देशों को तेल और गैस बेचते हैं। उनकी उस ताकत को छीनना होगा।
हमने इस सप्ताह मोदी, पुतिन और शी जिनपिंग के बीच मीटिंग देखी। आपने जब मोदी को वहां देखा तो आपको कैसा लगा? क्या आप मानते हैं कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की ओर से टैरिफ लगाने का फैसला बैकफायर कर गया। इस पर जेलेंस्की ने कहा कि मैं मानता हूं कि भारत पर टैरिफ लगाने का अमेरिका का फैसला सही है। रूस के साथ कारोबार करने वालों पर पाबंदियां लगाना जरूरी है। अलास्का समिट के बारे में पूछे जाने पर वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि मैं वहां नहीं था। जेलेंस्की ने कहा कि इस मीटिंग के जरिए ट्रंप ने पुतिन को वह सब दिया, जो वह चाहते थे। रूसी नेता की लंबे समय से इच्छा रही है कि वह अमेरिका के राष्ट्रपति से मिलें।
जेलेंस्की ने कहा कि ट्रंप ने उन्हें यह मौका दिया और रेड कार्पेट बिछा कर दिया। वहीं व्लादिमीर पुतिन के मॉस्को आकर वार्ता करने के ऑफर पर जेलेंस्की ने कहा कि वह भी तो कीव आ सकते हैं। जेलेंस्की ने कहा कि जब मेरा देश मिसाइलों के साये में हो तो उन्हें दागने वालों की राजधानी में ही कैसे जा सकता हूं। जेलेंस्की ने कहा कि उन्हें वार्ता ही करनी थी तो जंग के बीच में क्यों नहीं की, जब हम लगातार ऐसी मांग कर रहे थे। यूक्रेनी नेता ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप से मुझे द्विपक्षीय वार्ता का संकेत मिला था। इस पर मैंने कहा था कि हम कैसी भी वार्ता के लिए तैयार हैं। बस मॉस्को जाकर कोई मीटिंग होगी।