मऊ: महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय रामविलास पांडे की धर्मपत्नी चंद्रावती देवी के 100 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर उनके घोसी, मऊ स्थित आवास पर एक शताब्दी सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर अधिवक्ता मोहम्मद अंसारी ने चंद्रावती देवी को सम्मानित किया और स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प दोहराया।
स्वर्गीय रामविलास पांडे ने भारत की आजादी के लिए 1938, 1940 और 1942 में जेल यात्राएं कीं और मधुबन गोलीकांड में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने आजादी की लड़ाई में अनेक यातनाएं सहीं और कई वर्षों तक जेल में रहे। पांडे जी ने न केवल स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया, बल्कि आजादी के बाद घोसी विधानसभा के विधायक, MLC और 1971 में उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री के रूप में भी देश व समाज की सेवा की।
मोहम्मद अंसारी ने कहा, “स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करना और उनके परिवारों को सम्मानित करना हम सबका कर्तव्य है। रामविलास पांडे जैसे अमर बलिदानियों ने निस्वार्थ भाव से देश के लिए सब कुछ न्योछावर कर दिया। हमें उनके साहस और समर्पण को भावी पीढ़ियों तक पहुंचाना होगा।”
उन्होंने सरकार से मांग की कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और शहीदों की स्मृति में एक संग्रहालय बनाया जाए, जिसमें उनकी प्रतिमाएं, योगदान और स्मृतियां संरक्षित हों। इससे युवा पीढ़ी में देश प्रेम और राष्ट्रवाद की भावना जागृत होगी।
इस समारोह में स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को सम्मानित करने की आवश्यकता पर बल दिया गया। अंसारी ने कहा कि ऐसे आयोजन देश के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का एक सशक्त माध्यम हैं। समारोह में स्थानीय लोगों ने भी स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
