कुदरहा। कुदरहा ब्लॉक के छरदही गांव में चल रही श्रीमद् भागवत पुराण कथा के द्वितीय दिवस पर काशी से पधारे राष्ट्रीय कथावाचक सत्यम सांकृत जी ने लोक व्यवहार में धर्म की महत्ता बताते हुए कहा कि कलयुग में भगवान की भक्ति ही परम धर्म है और इसी से मानव का कल्याण संभव है।

कुदरहा ब्लॉक के छरदही गांव में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचक सत्यम सांकृत जी ने अपने सद्विचारों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। मंगलाचरण के बाद कथा को विस्तार देते हुए उन्होंने नैमिष धाम में चल रही भागवत कथा में शौनाकादि ऋषियों द्वारा पूछे गए छह प्रश्नों के उत्तर का विस्तृत विवेचन किया।
सांकृत जी ने कहा कि जो काम करने योग्य है, लोक व्यवहार में वही धर्म है, किंतु कलयुग में केवल भगवान की भक्ति ही परम धर्म है। उन्होंने दृढ़ता से कहा कि इस युग में मानव का कल्याण केवल और केवल भक्ति मार्ग से ही संभव है।
कथा के दौरान उन्होंने राजा परीक्षित द्वारा राज संभालने, कलयुग के प्रभाव के चलते ऋषि पुत्र द्वारा उन्हें सातवें दिन मृत्यु का श्राप मिलने तथा शुकदेव जी के आगमन तक की सरस कथा का भावपूर्ण रसपान उपस्थित जनता को कराया।
कथा में मुख्य यजमान हरेंद्र प्रसाद दुबे, हरिद्वार दुबे, बाबूराम दुबे, अभिषेक दुबे, गंगाराम, आनंद दुबे सतीश तिवारी, रामवृक्ष मिश्रा सहित सैकड़ों की संख्या में महिलाएं और पुरुष पंडाल में उपस्थित रहे और कथा का श्रवण किया।

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By UP Khabariya

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