मऊ: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने मऊ जिले के नगर क्षेत्र में डीजीएसके मोड़ पर उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर के खिलाफ उग्र प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने राजभर का पुतला दहन किया और “ओम प्रकाश राजभर मुर्दाबाद” के नारे लगाए। इस दौरान भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद एबीवीपी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हुई।

प्रदर्शन का कारण:
एबीवीपी कार्यकर्ता शशिकांत मंगलम ने बताया कि यह प्रदर्शन बाराबंकी के श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी में 1 सितंबर को हुए पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में किया गया। इस घटना में एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था, जिसमें कई छात्र घायल हुए थे। शशिकांत ने आरोप लगाया कि कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने इस लाठीचार्ज का समर्थन करते हुए एबीवीपी कार्यकर्ताओं को “गुंडा” करार दिया था। उन्होंने कहा, “अगर भारत माता की जय और वंदे मातरम का नारा लगाकर छात्रों के हक की बात करना गुंडागर्दी है, तो एबीवीपी ऐसी गुंडागर्दी हर दिन करेगी।”

पुलिस से टकराव:
प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने कार्यकर्ताओं को रोकने की कोशिश की, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ गया। शशिकांत ने आरोप लगाया कि मऊ पुलिस ने कार्यकर्ताओं को धरना-प्रदर्शन करने से रोका। इसके बावजूद, एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने राजभर का पुतला दहन किया और अपनी मांगों को जोरदार तरीके से रखा। प्रदर्शन के कारण क्षेत्र में कुछ समय के लिए तनाव की स्थिति बनी रही।

एबीवीपी की मांग:
एबीवीपी ने ओम प्रकाश राजभर से उनके बयान पर सार्वजनिक माफी मांगने और श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी में लाठीचार्ज की घटना की जांच की मांग की है। संगठन ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर अवैध फीस वसूली और बिना मान्यता के लॉ कोर्स चलाने जैसे गंभीर आरोप भी लगाए हैं। कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, उनका आंदोलन जारी रहेगा।