मऊ। जिला अधिकारी कार्यालय से जिलाधिकारी प्रवीण मिश्रा ने पराली प्रबंधन और किसानों की जागरूकता के लिए विशेष वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये वाहन विकासखंडों में घूमकर किसानों को धान की पराली न जलाने और उसके वैकल्पिक उपयोग के बारे में शिक्षित करेंगे।
पराली जलाने से होने वाले नुकसान पर जोर
जिलाधिकारी प्रवीण मिश्रा ने कहा कि पराली जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है, जिससे श्वसन संबंधी बीमारियां फैलती हैं। साथ ही, मिट्टी की उर्वरता कम होती है और सूक्ष्मजीवों व पोषक तत्वों का नाश होता है। किसानों से अपील की गई कि पराली को जलाने की बजाय उसे खाद के रूप में उपयोग करें।
तीन वाहन रवाना, हर विकासखंड में जागरूकता अभियान
जिला कृषि अधिकारी सोम प्रकाश गुप्ता ने बताया कि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए तीन वाहनों को रवाना किया गया है। ये वाहन प्रत्येक विकासखंड में जाकर किसानों को पराली प्रबंधन यंत्रों से जुताई करने की सलाह देंगे। पराली को सड़ाकर खाद बनाने पर जोर दिया जाएगा, क्योंकि यह खेत में प्राकृतिक उर्वरक का काम करेगी।
बिना एसएमएस हार्वेस्टर पर सख्त कार्रवाई
गुप्ता ने चेतावनी दी कि धान कटाई के दौरान बिना एसएमएस (सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम) लगे हार्वेस्टर पकड़े जाने पर संबंधितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कार्यक्रम में जिलाधिकारी प्रवीण मिश्रा, पुलिस अधीक्षक इलामारन जी, जिला कृषि अधिकारी सोम प्रकाश गुप्ता तथा कृषि विभाग के अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे। यह अभियान प्रदूषण नियंत्रण और मिट्टी संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

