यूपी खबरिया/डेस्क: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना (Mukhyamantri Kanya Sumangala Yojana) के रूप में एक शानदार पहल है, जिससे राज्य सरकार द्वारा बालिकाओं एवं महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा के साथ-साथ विकास हेतु नये अवसर प्रदान करने के लिए यह वरदान साबित हो रहा है।
साथ ही कन्या भ्रूण हत्या एवं बाल-विवाह जैसी कुरीतियों के रोकथाम के प्रयासों को भी इस योजना से बल मिला है। तो दूसरी ओर बालिकाओं को उच्च शिक्षा व रोजगार के अवसर के लिए द्वारा खुल गया है। बता दें कि इस पोर्टल का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल द्वारा 25 अक्टूबर 2019 को किया गया था। आज हम जानेंगे कि इस योजना का लाभ कौन और कैसे ले सकता है।
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मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की 6 श्रेणियां
प्रथम श्रेणी:- नवजात बालिकाओं जिनका जन्म 01/04/2019 या उसके पश्चात् हुआ हो, को रू 5000.00 एक मुश्त धनराशि से लाभान्वित किया जायेगा।
द्वितीय श्रेणी:- वह बालिकायें सम्मिलित होंगी, जिनका एक वर्ष के भीतर सम्पूर्ण टीकाकरण हो चुका हो तथा उनका जन्म 01/04/2018 से पूर्व न हुआ हो, को रू 2000.00 एक मुश्त धनराशि से लाभान्वित किया जायेगा।
तृतीय श्रेणी:- वह बालिकायें सम्मिलित होंगी, जिन्होंने चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान प्रथम कक्षा में प्रवेश लिया हो, को रू 3000.00 एक मुश्त धनराशि से लाभान्वित किया जायेगा।
चतुर्थ श्रेणीः- वह बालिकायें सम्मिलित होंगी, जिन्होंने चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान छठी कक्षा में प्रवेश लिया हो, को रू 3000.00 एक मुश्त धनराशि से लाभान्वित किया जायेगा।
पंचम श्रेणी- वह बालिकायें सम्मिलित होंगी जिन्होंने चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान नवीं कक्षा में प्रवेश लिया हो , को रू 5000.00 एक मुश्त धनराशि से लाभान्वित किया जायेगा।
षष्टम् श्रेणी:– वह सभी बालिकायें सम्मिलित होंगी जिन्होंने 10वीं/12वीं कक्षा उत्तीर्ण करके चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान स्नातक-डिग्री या कम से कम दो वर्षीय डिप्लोमा में प्रवेश लिया हो, को रू 7000.00 एक मुश्त धनराशि से लाभान्वित किया जायेगा।
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की पात्रता क्या है?
- लाभार्थी का परिवार उत्तर प्रदेश का निवासी हो। साथ ही उसके पास स्थायी निवास प्रमाण पत्र हो, जिसमें राशन कार्ड/आधार कार्ड/वोटर पहचान पत्र/विद्युत/टेलीफोन का बिल मान्य होगा।
लाभार्थी की पारिवारिक वार्षिक आय अधिकतम रु 0-3.00 लाख हो। - किसी परिवार की अधिकतम दो ही बच्चियों को योजना का लाभ मिल सकेगा।
- परिवार में अधिकतम दो बच्चे हों।
- किसी महिला को द्वितीय प्रसव से जुड़वा बच्चे होने पर तीसरी संतान के रूप में लड़की को भी लाभ अनुमन्य होगा। यदि किसी महिला को पहले प्रसव से बालिका है व द्वितीय प्रसव से दो जुड़वा बालिकायें ही होती हैं तो केवल ऐसी अवस्था में ही तीनों बालिकाओं को लाभ अनुमन्य होगा।
- यदि किसी परिवार ने अनाथ बालिका को गोद लिया हो, तो परिवार की जैविक संतानों और विधिक रूप में गोद ली गयी संतानों को सम्मिलित करते हुये अधिकतम दो बालिकायें इस योजना की लाभार्थी होंगी।