पंचमुखी शिवमंदिर इटहियापंचमुखी शिवमंदिर इटहिया

महराजगंज: सावन का महीना शिवजी की अराधना के लिए समर्पित होता है…सावन के इस पवित्र महीने में हम बात करेगें…पंचमुखी शिव मंदिर इटहिया (Itahiya Shiv Mandir) की….

हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले मेें स्थित इटहिया शिव मदिर की। यहां भक्तों का अटूट विश्वास है। उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर इंडो-नेपाल बॉर्डर से सटे इटहिया का शिव मंदिर मिनी बाबा धाम के नाम से विख्यात है।

महराजगंज मुख्यालय से चलकर निचलौल मार्ग होते हुए इटहियां पंहुचा जा सकता है| यहॉं प्राचीन पंचमुखी शिव मन्दिर स्थित है| मेले का अयोजन यहा स्थानीय जनों के सहयोग से प्रतिवर्ष होता है, प्रति सोमवार को काफी भीड़ एकत्र होती है| यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर को 1968-69 में एक महंत द्वारा बनाया गया है, जिसका समाधि परिसर में है।

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मंदिर के मुख्य पुजारी कहते हैं कि पंचमुखी शिवलिंग के प्रादुर्भाव की कहानी निचलौल स्टेट के राजा बृषभसेन से जुड़ी है। राजा बृषभसेन प्रतापी व न्याय प्रिय राजा थे। उनका शिवशंकर में अटूट विश्वस था। उनके गोशाला में एक नंदिनी नाम की गाय थी, जिसे राजा बहुत मानते थे।

राजा बृषभसेन सुबह शाम उस गाय का दर्शन कर उसके दूध का सेवन करते थे। उस समय ईटाहिया सहित यह समूचा क्षेत्र घने जंगलों से आच्छादित था। नंदिनी गाय उसी जंगल में घास चरती थी। कुछ दिन के बाद नंदिनी ने दूध देना बंद कर दिया और अपना दुध जंगल के घनी झाड़ियों में जमीन पर चढ़ाने लगी।

जब राजा बृषभसेन को यह जानकारी हुई तो उन्होंने इस स्थान पर खुदाई कराई। वहां एक पंचमुखी शिवलिंग मिला। जिसे देखकर राजा भाव विहवल हो गए। पंचमुखी शिवलिंग का राजा प्रतिदिन पूजा अर्चना करने लगे। जिससे राजा को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। जिसका नाम रत्नसेन पड़ा।

जिला मजिस्ट्रेट, महाराजगंज की मंदिर प्रशासन की देखभाल करने की ज़िम्मेदारी है। यहां कुछ धार्मिक समारोहों को बहुत शुभ माना जाता है, जैसे रुद्राभिषेक, मुंडन, विवाह इत्यादि। लोग श्रवण महीने और शिवरात्रि दिवस के दौरान बड़ी संख्या में इस मंदिर में जाते हैं। इस मंदिर को मिनी बाबा धाम के नाम से भी जाना जाता है।

इटहिया मंदिर में भगवान शिव के प्रति भक्त का अटूट प्रेम व विश्वास देखने लायक होता है। यहां हर सोमवार को भक्त आते हैं और शिवलिंग को जलाभिषेक करते हैं। भक्तों का कहना है कि यहां मांगी गई सभी मनोकामना पूर्ण होती है। सावन महीने में भगवान शिव के दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्तों का सैलाब उमड़ता है। यह मंदिर हर-हर महादेव के जयकारे से गूंज उठता है।

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