लखनऊ: यूपी विधानसभा में 11 विधेयक पेश किए गए। बता दें कि विपक्ष के हंगामे के बीच 11 विधेयक सदन में पेश किए गए। इनमें यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन का विधेयक भी पेश किया गया।
- यूपी कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक पेश।
- उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर संशोधन विधेयक पेश।
- उत्तर प्रदेश दंड विधि संशोधन विधेयक पेश।
- उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास विधेयक पेश।
- उत्तर प्रदेश नगर स्थानीय स्वायत्त शासन विधि विधेयक पेश।
- नगरपालिका संशोधन विधेयक पेश।
- उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मंडी संसोधन विधेयक पेश।
- निजी विश्वविद्यालय विधेयक पेश।
- उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय द्वितीय संशोधन विधेयक पेश।
- जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय विधेयक पेश।
ये भी पढ़ें :-
- यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग विधेयक सदन में पेश।
- प्रमुख सचिव रैंक के सेवारत या अवकाश प्राप्त अफसर भी बन सकेंगे आयोग के अध्यक्ष।
- विश्वविद्यालयों के कुलपति और पूर्व कुलपति 3 वर्ष के प्रशासनिक अनुभव के साथ बन सकेंगे आयोग के अध्यक्ष।
- किसी विश्वविद्यालय में 10 वर्ष तक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत रहे सेवानिवृत्त शिक्षक भी बन सकेंगे आयोग के अध्यक्ष।
- शिक्षा सेवा चयन आयोग में अध्यक्ष के साथ 12 सदस्य नियुक्त किए जाने का प्रस्ताव।
- निगमित निकाय के तौर पर आयोग का मुख्यालय होगा प्रयागराज।
- यूपी उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग बोर्ड का स्टाफ नए आयोग मे होगा स्थानांतरित।
- सचिव रैंक के सेवारत या सेवानिवृत्त अफसर बन सकेंगे सदस्य।
- एक सदस्य न्यायिक सेवा जिला न्यायाधीश स्तर के अफसर को।
- एक पद पर उच्च शिक्षा में संयुक्त निदेशक तथा एक व्यवसायिक शिक्षा में अपर निदेशक स्तर का भी होगा।
- एक पद पर माध्यमिक शिक्षा के संयुक्त निदेशक और एक पद पर बेसिक शिक्षा में संयुक्त निदेशक या ऊपर के अफसर की होगी तैनाती।
- आयोग में 6 सदस्य शिक्षाविद होंगे।
- यूपी सरकार ने यूपी कैबिनेट से आयोग के गठन को दी थी मंजूरी।
- यूपी में शिक्षकों के चयन और भर्ती संबंधी मामलों को देखेगा आयोग।
CM योगी ने नेता विरोधी दल पर क्या कहा:-
मुझे अच्छा लगा की नेता विरोधी दल को अब जनसंख्या की चिंता होने लगी,ये अच्छी बात है,इसी को नियंत्रित करने के लिए हम समान कानून की बात करना चाहते है..!!
कुछ तो समाजवादियों मे प्रोग्रेस हुई,अच्छा है प्रगति के बारे मे सोचना चाहिए..!!
सरकार के कार्य सर्वे बताते हैं, बेरोजगारी दर रोजगार उपलब्ध करवाने पर ही पता चलता है,
2016-17 मे प्रदेश मे बेरोजगारी दर 19% से अधिक था,आज यह दर तीन से 4% तक आया है,इससे पता चलता है कि रोजगार नौकरी मिल रही है…!!न्यायालय को भी पता है कि सरकार के कार्य मे पारदर्शिता शुचिता है,उत्तरप्रदेश के परसेप्शन के कारण ही ग्लोबल इन्वेस्टर सम्मिट मे 36 हजार करोड़ के निवेश मिले है,इससे एक करोड़ को रोजगार मिलेगा..!!
माध्यमिक शिक्षा विभाग के सवाल पर विधानसभा में क्या बोले सीएम योगी
- हमारे माननीय सदस्य अगर राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अध्ययन करके आये होते तो सवाल न पूछते
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू हो चुकी है,इसमे सामान्य पाठ्यक्रम के साथ साथ विभिन्न रोजगार परक पाठ्यक्रम भी लागू किये गये है, राज्य सरकार इसे आगे बढ़ा रही है..
- इसमे पैरामेडिकल, ड्रोन टेक्नॉलोजी,डाटा एनालिसिस का,थ्री डी पेंटिंग जैसे तीन महीने छ महीने के पाठ्यक्रम भी जोड़े गये है
- आपके द्वारा कहना की कोई भर्ती नही हुई,ये आपकी पीड़ा बताती है,पिछले छ वर्ष मे नकलविहीन परीक्षा हो रही है,नकल माफिया पर लगाम कसी गयी,पहली बार माध्यमिक परीक्षा हाइस्कूल इंटर की,मात्र 15 दिन मे सम्पन्न हुई, 14 दिन मे परिणाम आये,मात्र 29 दिन मे प्रक्रिया सम्पन्न हुई।
- भर्ती के मामले मे कुछ लोग न्यायालय गये वो अलग विषय है,लेकिन हमने बेसिक और माध्यमिक मे एक लाख 64 हजार भर्ती पिछले पांच वर्षो मे हुए,साथ ही उच्च शिक्षा,प्राविधिक या व्यावसायिक और संस्कृत शिक्षा के लिए भी भर्ती हुए, साथ ही शिक्षक भर्ती के लिए हम एक भरती आयोग गठन करने के लिए ये बिल लेकर आये हैं. ..!!